
साईं तुम में सब लोक समाये
सब ग्रह तुम से ही गतियां पाये
सूर्य देव के तेज से मानव
यश प्रताप की दौलत पाये
चन्द्र देवता अति प्रसन्न हों
तन मन को शीतल कर जायें
मंगल भी अमंगल तज कर
मंगल मंगल ही कर जाये
बुद्ध ज्ञान भण्डार बढाए
जब धरती पर प्रकाश फैलाये
बृहस्पति सब सुखों से भर दे
तेरी भस्म जो माथ लगाये
शुक्र अनिष्ट नहीं कर पाये
जब बाबा प्रेम की गंगा बहाये
शनि कभी ना वक्री होये
तेरे चरण आ रक्षण पाये
तेरी एक नजर से बाबा
राहू रफूचक्कर हो जाये
केतु अपने शुभ ग्रह में रह
तेरे जन को लाभ कराये
श्रद्धा रख तेरे दर जो आये
कर्म लेख उनका मिट जाये
बाबा तुम्हरी कृपा दृष्टि से
सब ग्रह सही दिशा पर आये
काहे विधि का लेख डराये
जब करुनासिंधु सब पाप मिटाये
तेरे चमत्कार से देवा
तेरा 'बंधू' नवजीवन पाये
वेद, वेदांत, श्रुति समझाये
तेरी महिमा कही ना जाये.........
0 comments:
Post a Comment